जो बिना शोर के साथ होते हैं, वही सबसे ज़्यादा होते हैं

कुछ लोग दिखते नहीं, लेकिन होते हैं।
हर रोज़ बात नहीं करते, लेकिन जब टूटने लगे तो सबसे पहले वही याद आते हैं।

उनकी आदत होती है चुप रहना… लेकिन जब ज़रूरत पड़े, तो बोलते भी हैं — सीधा, सच्चा और दिल से।
ना सोशल मीडिया पे पोस्ट, ना स्टोरीज़ में नाम… फिर भी दिल में सबसे मजबूत जगह उन्हीं की होती है।

वो कभी ज़्यादा सवाल नहीं करते, और ना ही ज़्यादा समझाते हैं।
बस कहते हैं — “जो भी हो, मैं हूं” — और वही सब कुछ ठीक कर देता है।

ज़िंदगी में बहुत लोग मिलते हैं, लेकिन जो बिना बोले साथ निभा जाए — ऐसे लोग बहुत कम होते हैं।
और जब मिलें, तो उन्हें कभी खोना मत।