पैसा ज़रूरी है, लेकिन सबकुछ नहीं

पैसा हर किसी को चाहिए — किसी को ज़रूरत के लिए, किसी को दिखावे के लिए, और किसी को सिर्फ़ सुकून के लिए। लेकिन सच्चाई ये है कि पैसा ज़रूरी तो है, मगर ज़िंदगी सिर्फ़ उसी से नहीं चलती।

कभी सोचा है? बहुत से लोग अमीर होते हुए भी खुश नहीं होते। और कई लोग साधारण होते हुए भी चैन की नींद सोते हैं। फर्क सिर्फ़ सोच का होता है। पैसा कमाना गलत नहीं, लेकिन उसके पीछे सब कुछ खो देना ठीक नहीं।

अगर पैसा इज़्ज़त से, मेहनत से और सुकून से आए — तो वो बरकत बनता है। लेकिन अगर वो चिंता, झूठ या लालच से आए — तो वो बोझ बन जाता है।

हमेशा इतना कमाओ कि ज़रूरतें पूरी हो जाएँ, लेकिन इतना भी मत चाहो कि ज़िंदगी का सुकून खो जाए। क्योंकि आख़िर में याद रखने वाली चीज़ें बैंक बैलेंस नहीं होतीं — वो लम्हें होते हैं जो दिल को सुकून देते हैं।