पैसा ज़िंदगी का सहारा है, ज़िंदगी नहीं।
माल वही बेहतर जो इज़्ज़त और सुकून के साथ आए।
हर कमाया हुआ रुपया तब तक अधूरा है, जब तक उसमें बरकत ना हो।
ज़रूरत से ज़्यादा दौलत नहीं, सही सोच अमीरी लाती है।
असली ख़ज़ाना वो है, जो दिल को भी तसल्ली दे।
Sehat bhara sukoon
पैसा ज़िंदगी का सहारा है, ज़िंदगी नहीं।
माल वही बेहतर जो इज़्ज़त और सुकून के साथ आए।
हर कमाया हुआ रुपया तब तक अधूरा है, जब तक उसमें बरकत ना हो।
ज़रूरत से ज़्यादा दौलत नहीं, सही सोच अमीरी लाती है।
असली ख़ज़ाना वो है, जो दिल को भी तसल्ली दे।