Title:”खामोशी के मीठे खज़ाने”

Content:

> “जब लफ्ज़ रुक जाते हैं,
तब दिल की सच्ची आवाज़ गूंजती है।
खामोशी कोई कमी नहीं,
बल्कि वो अमानत है जिसमें सुकून, समझदारी और मोहब्बत सांस लेती है।

• हर रोज़ कुछ पल अपने वजूद के साथ खामोश बैठना सीखिए।
• बिना बोले अपनी रूह की हलकी सी दस्तक सुनिए।
• खामोशी में खुद को पढ़िए, वही असल पहचान है आपकी।

हर बात अल्फाज़ से नहीं कही जाती,
कभी-कभी खामोशियाँ भी रूह को सींच देती हैं।

आइए, आज से खामोशी के इन नर्म खज़ानों को सीने से लगा लें।”

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More posts