इस तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में हम सब किसी ना किसी चीज़ की तलाश में दौड़ रहे हैं। मगर जो सबसे कीमती है — सुकून, वो पीछे छूटता जा रहा है।
सच तो ये है कि सुकून बड़ी चीज़ों में नहीं, बल्कि छोटे सादे लम्हों में होता है। सुबह की ठंडी हवा, एक गर्म चाय की प्याली, दिल से की गई दुआ — यही तो हैं वो बातें जो रूह को तसल्ली देती हैं।
ज़िंदगी को आसान बनाने का मतलब यह नहीं कि सब कुछ त्याग दो, बल्कि इतना ही काफी है कि आप सादा सोचें, साफ़ दिल से जिएं, और हर रोज़ शुक्र करना सीख जाएं।
जब रफ़्तार थमती है, तब ही दिल की आवाज़ सुनाई देती है।
और यही आवाज़ कहती है — “कम में भी बहुत है, बस महसूस करने की ज़रूरत है।”
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