असली खाना रंग-बिरंगे पैकेट में नहीं, माँ के हाथ की सादगी में होता है।
जो खाना शरीर को ही नहीं, मन को भी तृप्त करे वही अमृत है।
जितना ज़रूरी स्वाद है, उतनी ही ज़रूरी सादगी भी है।
भूख मिटाने वाला खाना मिल जाता है, सेहत बनाने वाला कम ही मिलता है।
खाली पेट से ज़्यादा, खाली पोषण डराता है।
जो थाली भर पोषण दे, वही असली दौलत है।
आज की भागदौड़ में हम स्वाद के पीछे भागते हैं, और सेहत पीछे छूट जाती है।
Healthy food सिर्फ़ एक आदत नहीं, ज़िंदगी के लिए एक investment है
जो धीरे-धीरे आपकी थकान को भी ताक़त बना देता है।
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