कुछ एहसास ऐसे होते हैं, जो आवाज़ नहीं देते, मगर ज़िंदा रखते हैं।
जब सारी दुनिया अनसुनी कर दे, तब वही एक एहसास सुन लेता है।
जो हाल कहे बिना समझ ले, वही सच्चा जुड़ाव होता है।
ज़िंदगी में जब कोई वजह बाकी नहीं रहती, तब वही एक वजह संभाल लेती है।
हर टूट को जोड़ने वाली कोई चीज़ बाहर नहीं, भीतर होती है।
जो साथ न होकर भी हमें संभाले — वही असली ताक़त होती है।
कुछ एहसास आवाज़ नहीं देते, मगर ज़िंदगी बन जाते हैं

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