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> “आज के दौर में जहाँ सब कुछ दिखावे पर टिका है,
वहाँ सादगी से जीना सबसे बड़ी आज़ादी है।
• जब कम में भी खुशी मिल जाए,
• जब छोटी चीज़ों में भी शुकराना आ जाए,
• जब दिखावे से ऊपर उठकर सुकून से जीना आ जाए —
तब असली ज़िंदगी शुरू होती है।
दौड़ने से ज़्यादा ज़रूरी है रुक कर मुस्कुराना।
कमाने से ज़्यादा ज़रूरी है अपने पास को सँभालना।
चलिए, आज से सादगी को अपना गहना बनाएं,
क्योंकि असली अमीरी दिल की सुकून में छुपी होती है।”
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